अरे ओ गिरगिट ! 🦎
अरे ओ गिरगिट माना के
हम थोड़े समय से घात लगाते है
पर अपने मेहनत की खाते है।देखे तुम्हे हमने
तो यह माना
यह कपड़े जैसा रंग बदलना
तुमने किससे है जाना ?बात यह है बचकानी
अपने सही रंग तुमने कभी न जानी ।झालावा सा हुनर लिए फिरते हो
जाने किस तरह का शिखर तुम ढूंढते हो?तुम्हारी दिमाग बड़ी सेहतानी
आंखे भी क्या मदमस्त ३६०° वाली मस्तानीहममें ना सीखना तुम्हारी हुनर
हममें ना सिखलाना अपने साधी आरी वाला निशाना@ChilledSup https://t.co/7sBq7n9lLk
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